
प्रिय मित्रो
गीतों पर आपकी प्रतिक्रियायों के लिए आभार… इस बार कुछ हाइकु कवितायेँ सांझा कर रहा हूँ… अपनी मूल्यवान टिप्पणियाँ अवश्य भेजिएगा…प्रतीक्षा रहेगी…
लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
गीतों पर आपकी प्रतिक्रियायों के लिए आभार… इस बार कुछ हाइकु कवितायेँ सांझा कर रहा हूँ… अपनी मूल्यवान टिप्पणियाँ अवश्य भेजिएगा…प्रतीक्षा रहेगी…
लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
१.
उठाये प्रश्न !
फिर खोजे उत्तर
हुए अमर ...
२.
कैसे बदले
सड़ी गली व्यवस्था
सब बेचैन ..
३.
सब से खुश
वो जो नहीं जानता
सुविधाओं को
४.
पूछा स्वयं से
कौन हूँ मैं क्या हूँ मैं !
उत्तर शून्य
५.
एक कंकरी
अनगिन लहरें
शांत झील में
६.
धारा को बांधा
नदी का तीव्र क्रोध
बना बिजली ..
७.
की बगावत
नीव के पत्थरों ने
ढहे महल
८.
डर ही डर
घर हो या बाहर
जाएँ तो कहाँ
९.
परिचित हूँ
जीवन के अंत से
किन्तु जियूँगा
१०.
क्या पा लिया था
ये तब जाना जब
उसे खो दिया ...
उठाये प्रश्न !
फिर खोजे उत्तर
हुए अमर ...
२.
कैसे बदले
सड़ी गली व्यवस्था
सब बेचैन ..
३.
सब से खुश
वो जो नहीं जानता
सुविधाओं को
४.
पूछा स्वयं से
कौन हूँ मैं क्या हूँ मैं !
उत्तर शून्य
५.
एक कंकरी
अनगिन लहरें
शांत झील में
६.
धारा को बांधा
नदी का तीव्र क्रोध
बना बिजली ..
७.
की बगावत
नीव के पत्थरों ने
ढहे महल
८.
डर ही डर
घर हो या बाहर
जाएँ तो कहाँ
९.
परिचित हूँ
जीवन के अंत से
किन्तु जियूँगा
१०.
क्या पा लिया था
ये तब जाना जब
उसे खो दिया ...
११.
चुने भेड़ों ने
समारोह पूर्वक
स्वयं शिकारी…
चुने भेड़ों ने
समारोह पूर्वक
स्वयं शिकारी…